यह ब्लॉग मम्मी ब्लॉगर शिल्पा बिंदलिश द्वारा लिखा गया है।
अब डेढ़ दशक से अधिक समय तक शिक्षा उद्योग से जुड़े रहने के बाद, मैं इस तथ्य की पुरजोर वकालत करती हूं कि बच्चों को स्कूलों में आवश्यक विषयों के साथ ‘स्वास्थ्य और स्वच्छता ’ का ज्ञान भी दिया जाना चाहिए। और इस तरह से, न केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रम में वृद्धि होगी बल्कि, बच्चों को कम उम्र से ही उच्च स्तर की व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की अच्छी आदतों से सशक्त बनाया जा सकता है ।
बेहतर होगा कि स्कूल के अधिकारियों और माता-पिता को एक सहयोगात्मक प्रयास करना चाहिए, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करने वाली बीमारियों के खिलाफ एक रक्षा प्रणाली का निर्माण सुनिश्चित करे । बेहतर तरीकों से अस्वच्छता से लड़ने में मदद करनेवाली जांच-सूचि /चेकलिस्ट इस प्रकार है :
उन कीटाणुओं को दूर करें:
अपने बच्चे को खाना खाने से पहले, शौचालय का उपयोग करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, और कचरे के डब्बे को हाथ लगाने के बाद के बाद हाथ धोने के लिए कहिए । इस आदत से आपके बच्चे को बीमार कर सकनेवाले विभिन्न कीटाणुओं से संपर्क की संभावना समाप्त हो जाती है। व्यक्तिगत रूप से मैं आपके बच्चे के स्कूल बैग में परीक्षण किए गए अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजिंग वाइप्स पैक करने की सलाह देती हूं, जिनका उपयोग पानी के बगैर नियमित सफाई के लिए किया जा सकता है।
व्यक्तिगत स्वच्छता:
प्राथमिक विद्यालय की आयु में बच्चों को अच्छी स्वच्छता की आदतों के बारे में बताया जाना चाहिए, भले ही वे पूरी तरह से यह न समझें कि स्वच्छ रहना जीवन की गुणवत्ता को कितना प्रभावित कर सकता है। माता-पिता को स्वयं आदर्श बनकर अपने बच्चों में बुनियादी स्वछता की आदत डालने में मदद करनी चाहिए। सरल रोजमर्रा की रस्में जैसे दांतों को ब्रश करना, शॉवर लेना, कपड़े बदलना, नाखून काटना आदि का पालन करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चे संचारी रोगों के शिकार न हों और स्कूल / पढ़ाई से चूके नहीं।
इसके अलावा, डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी कई बीमारियों से बचने के लिए, व्यक्तिगत बाह्य मच्छर विकर्षक का उपयोग करना आवश्यक है, क्योंकि ये रोग मच्छरों के काटने से फैलते हैं। इसे बाहर निकलने से पहले मच्छर भगाने के लिए लगाना एक आदत बना लें।
जबकि बच्चे चिपचिपी क्रीम लगाना पसंद नहीं करते, उन्हें स्कूल में दिन भर की सुरक्षा के लिए एक आधुनिक मच्छर विकर्षक गुडनाईट फैब्रिक रोल-ऑन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। बस उनके कपड़ों पर 4 डॉट्स लगाने की जरूरत होती है और उन्हें 8 घंटे तक मच्छरों से बचाया जा सकता है।
यह 100% प्राकृतिक और बाल रोग विशेषज्ञ प्रमाणित है जो इसे उपयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित बनाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कपड़े पर लगाने की जरूरत होती है, न कि आपकी त्वचा पर (यह नॉन-स्टेनिंग है)।
स्वच्छ शौचालय / विश्रामालय:
विद्यालय में स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का बच्चों को अधिकार है। स्कूल प्रशासन को नियमित रूप से शौचालयों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। वॉश बेसिन, सोप डिस्पेंसर, डोर नॉब, हैंडल आदि जैसी जगहों को को कीटाणुओं के फैलने से बचाने के लिए स्कूल के सफाई कर्मचारियों द्वारा दैनिक आधार पर कीटाणुरहित किया जाना चाहिए। शौचालय / टॉयलेट के आसपास के क्षेत्र में बदबू का मुद्दा झाड़ू और पोछा लगाने के बाद एयर फ्रेशनर का छिड़काव करके नियंत्रित किया जाना चाहिए।
कचरा निपटान:
स्कूल कैंपस के अंदर, दिन के अंत तक बहुत सारा कचरा डिब्बे में एकत्रित हो जाता है जो विभिन्न जीवाणु रोगों और श्वसन एलर्जी का मुख्य कारण बन जाता है। ये डंपिंग ग्राउंड बीमारी पैदा करने वाले मच्छरों का केंद्र भी बन सकते हैं। स्कूल में छात्रों के बीच एक पर्यावरण-जागरूकता गतिविधि का आयोजन करना चाहिए, जहाँ वे इस कचरे को कक्षा क्षेत्र से दूर गड्ढे में डंप कर सकते हैं और इससे कम्पोस्ट खाद बना सकते हैं। यह न केवल ज्ञान बढ़ाएगा, बल्कि बच्चों में संक्रामक बीमारियों के प्रकोप को भी रोकेगा।
बीमारी से निपटना:
सही स्वच्छता दिशानिर्देशों का पालन करने के बावजूद, यदि आपको संदेह है कि आपका बच्चा स्कूल में अशुद्ध वातावरण का अनुभव कर सकता है या यदि उसने पहले से कमजोर प्रतिरक्षा के लक्षणों का प्रदर्शन किया है, तो पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए।
माता-पिता को अपने बच्चों को समय समय पर टिका लगवाना चाहिए। यदि वह अस्वस्थ होने के संकेत दिखाता है तो सख्ती से अपने बच्चे को स्कूल भेजने से बचें क्योंकि स्कूल ही ऐसा साझा स्थान है जहाँ एक छात्र से दूसरे छात्र में रोगाणु त्वरित संचरण कर सकता है ।
बच्चे की भलाई चाहने के नाते, माता-पिता और स्कूल प्राधिकरण बच्चों की आदतों को बहुत प्रभावित कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे स्वस्थ जीवन को लम्बे समय तक बढ़ाने के लिए इष्टतम स्वच्छता की आदतों का उपयोग करें।